लेखनी प्रतियोगिता -यादें

तेरे सारे खत आज भी संभाल रखे हैं
वह सारे अल्फाज जैसे शांत पड़े हैं
जिन गलियों में हम मिला करते थे
आज भी वो रास्ते हमें याद है.......

जो तीर तूने मेरे दिल पर मारा है
उस पर अपना नाम लिख दिया है
सब कुछ  यादें तो मिट गयी
लेकिन तेरा वो नाम हमें याद है.....

तुमसे बहुत सी बातें करनी थी
लेकिन कुछ भी बातें कर ना सके
चुपचाप जाते हुए तुम्हें देखते रहे
गम जुदाई के वो दिन हमें याद हैं......

गुजरते हैं जब भी तेरे शहर से
तेरी एक आहट सी सुनाई देती है
आंखों से बह चुके हैं वह जज्बात
फिर भी वो एहसास हमें याद है......


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5 Comments

Abhinav ji

10-Jan-2023 07:47 AM

Very nice 👌👍

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बहुत ही सुंदर सृजन

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Reena yadav

10-Jan-2023 03:26 AM

Nice 👌

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